सम्यक दर्शन के आठ अंग : 3. निर्विचिकित्सा

निर्विचिकित्सा जुगुप्सा का अभाव। अपने दोषों को तथा दूसरों के गुणों को छिपाने का नाम है जुगुप्सा। प्रत्येक व्यक्ति उलझा है जुगुप्सा में। हम अपने…